जनता तो सिर्फ़ टैक्स भरने के लिए है ।
देख मेरे देश की हालत | जिसने जनता को सिर्फ टैक्स भरने की मशीन समझ रखा हैं | जब चाहे तब टैक्स ले लो |
बिना हेलमेट . . जुर्माना 200 /
नो पार्किंग में पार्किंग . . . जुर्माना 300 /
नो एंट्री में वाहन . . . . . . जुर्माना 500 /
प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं . . . जुर्माना 1200 /
ट्रिपल सीट ड्राइविंग . . . जुर्माना 2000 /
प्लास्टिक का उपयोग . . . . जुर्माना 5000 /
खराब सिग्नल . . कोई जिम्मेदार नहीं है । सड़क पर गड्ढे . . . कोई जिम्मेदार नहीं है । अतिक्रमित फुटपाथ . . कोई जिम्मेदार नहीं है । सड़क पर रोशनी नहीं . . कोई भी जिम्मेदार नहीं है । सड़क पर कचरा बह रहा है . . . कोई जिम्मेदार नहीं . . . सड़कों पर लाइट के खंभे नहीं . . . कोई जिम्मेदार नहीं है । खुदी सड़क कोई मरम्मत नहीं . . . कोई जिम्मेदार नहीं है । | गड़ों में गिर कर आप गिरो चोटिल हो . . . कोई जिम्मेदार नहीं । आवारा गायें जानवर टकरा जाए कुत्ता काट ले . . . कोई जिम्मेदार नहीं | ऐसा लगता है कि जनता ही एकमात्र अपराधी है और जुर्माना देने के लिए उत्तरदायी है । प्रशासन , निगम और सरकार कोई जिम्मेदार नहीं है । उनके लिए कोई नियम लागू नहीं होते हैं । वे । * किसी भी * चूक के लिए कभी ज़िम्मेदार नहीं हैं । उन्हें दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए ? ?
nice thought
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